वाच्य की परिभाषा और भेद ( vachy ki pribhasha or bhed ) : हिंदी व्याकरण की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में hindi grammar के महत्वपूर्ण टॉपिक वाच्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी डी गई है, vachy ki pribhasha or bhed का यह टॉपिक परीक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण टॉपिक है, इस पोस्ट में वाच्य की परिभाषा और उसके भेद को उदाहरण सहित बहुत ही विस्तार पूर्वक समझाया गया है| राजस्थान के वे सभी अभ्यर्थी जो विभिन्न भर्ती परीक्षा REET PRE, REET MAINS, RAS, SI, 1st grade, 2nd grade, PATWARI, VDO, LDC आदि भर्ती परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है उन सभी अभ्यर्थियों को इस पोस्ट का एक बार अवश्य रूप से गहन अध्ययन कर लेना चाहिए |
Contents
वाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित ( vachy in hindi )
परिभाषा :- वाक्य में प्रयुक्त क्रिया रूप कर्ता, कर्म या भाव किसके अनुसार प्रयुक्त हुआ है, इसका बोध कराने वाले कारको को वाच्य कहते है|
जैसे :-
1. लड़की नाटक देख रही है|
2. लड़का दूध पीता है|
3. सीता ने दूध पिया |
4. राम ने रावण को मारा |
5. अब यहाँ से चला जाए |
वाच्य के भेद / प्रकार : तीन प्रकार होते है|
- कर्तृवाच्य
- कर्म वाच्य
- भाव वाच्य
कर्तृवाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित
परिभाषा :- यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का लिंग / वचन कर्ता के अनुसार हो तो वंहा कर्तृवाच्य होता है|
अर्थात :- [ जैसा कर्ता – वैसी क्रिया ]
कर्ता | क्रिया |
पुल्लिंग | पुल्लिंग |
स्त्रीलिंग | स्त्रीलिंग |
एकवचन | एकवचन |
बहुवचन | बहुवचन |
विशेष :-
यदि कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति हो तो क्रिया का लिंग / वचन कर्म के अनुसार होगा, लेकिन वाच्य सदेव कर्तृवाच्य होगा|
जैसे :-
1. राम ने अखवार पढ़ा |
2. कृष्णा ने पत्र लिखा |
3. घनश्याम ने पुस्तक लिखी |
कर्तृवाच्य के 10 उदाहरण
- माली दूब काटता है|
- रीना चित्र बनाती है|
- राम पंतग उड़ा रहा है|
- पक्षी आकाश में उड़ते है|
- रोहन पेड़ काटता है |
- लड़का दूध पीता है|
- लडकियाँ दूध पीती है|
- लड़का कहानी सुनता है|
- लडके पौधे लगा रहे है|
- आप पत्र लिखो |
कर्मवाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित
परिभाषा :- यदि वाक्य की क्रिया का लिंग / वचन कर्म के अनुसार हो तो वहाँ कर्मवाच्य होता है |
अर्थात :- [ जैसा कर्म – वैसी क्रिया ]
कर्म | क्रिया |
पुल्लिंग | पुल्लिंग |
स्त्रीलिंग | स्त्रीलिंग |
एकवचन | एकवचन |
बहुवचन | बहुवचन |
विशेष :- कर्म वाच्य में कर्ता के साथ ‘से’ / ‘के द्वारा’ विभक्ति का प्रयोग होता है |
कर्मवाच्य के 10 उदाहरण
- राम ने चाय पी |
- सीता ने दूध पीया |
- राम के द्वारा खाना खाया गया|
- सोहन के द्वारा सिनेमा नही देखा जाता|
- राकेश के द्वारा पुस्तक पढ़ी जा रही है|
- आपके द्वारा गाना गाया जाए|
- रमेश के द्वारा पत्र लिखा जाता है|
- बच्चो के द्वारा शोर मचाया जाएगा|
- पूजा के द्वारा चित्र बनाया जाता है|
- लडकियों द्वारा एक गीत गाया गया|
भाववाच्य की परिभाषा उदाहरण सहित
परिभाषा :- यदि वाक्य की क्रिया का लिंग / वचन कर्ता व कर्म दोनों के अनुसार नही होता वहाँ भाव वाच्य होता है|
अर्थात : जिस वाक्य की क्रिया का संबंध कर्ता व कर्म से न होकर भाव से होता है, वहाँ भाव वाच्य होता हैं। अनुमति या आदेश प्राप्त करने की स्थिति में इसी का प्रयोग होता है। भाव वाच्य की क्रिया सदा पुंल्लिंग, एकवचन तथा अन्य पुरुष में ही रहती है। उस पर कर्ता के लिंग, वचन, पुरुष का कोई असर नहीं पड़ता है।
विशेष :-
1. ऐसे वाक्य में कर्ता के साथ ‘से’ / ‘के द्वारा’ विभक्ति होती है|
2. क्रिया सदैव अकर्मक होती है |
भाववाच्य के 10 उदाहरण
- अब यहाँ से चला जाए।
- राम से चला नही जाता|
- रमेश से हँसा गया
- बच्चों से शांत नहीं रहा जाता।
- गर्मियों में लोगों से खूब नाहाया जाता है।
- गीता से लिखा नहीं जाता।
- पायल से हंसा नही जाता|
- मुझसे देखा नही जाता|
- राम द्वारा टहला गया|
- मोहन द्वारा रोया जा रहा है|
वाच्य संबधिं विशेष नियम
1. यदि वाक्य में कर्ता विभक्ति रहित हों तो क्रिया का लिंग / वचन सदैव कर्ता के अनुसार होगा|
जैसे :-
मोहन पुस्तक पढ़ता है|
2. यदि वाक्य में कर्ता विभक्ति सहित हो और कर्म विभक्ति रहित हो तो क्रिया का लिंग / वचन कर्म के अनुसार होगा |
जैसे :-
1. सोहन ने पुस्तक पढ़ी |
2. तमना ने अखवार पढ़ा|
3. यदि वाक्य कर्ता व कर्म दोनों विभक्ति सहित हो तो क्रिया का लिंग / वचन दोनों के अनुसार नही होगा, ऐसे वाक्यों में क्रिया का लिंग / वचन भाव के अनुसार होगा|
जैसे :-
मोहन ने पूजा को देखा |
वाच्य परिवर्तन के नियम
1. कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में बदलने के नियम
- कर्तृवाच्य के ऐसे उदाहरण जिनकी क्रिया सकर्मक हो केवल उन्हें ही कर्मवाच्य में बदला जा सकता है, क्योंकि कर्मवाच्य में कर्म का होना आवश्यक है।
- कर्ता के बाद से/ द्वारा/ के द्वारा जोड़कर कर्म को प्रधान बनाना चाहिए।
- कर्तृवाच्य की क्रिया जिस काल की हो कर्मवाच्य बनाते समय भी उसी काल की क्रिया लिखनी चाहिए।
- कर्म को विभक्ति-चिह्न रहित करना चाहिए।
- क्रिया को कर्म के लिंग, वचन, पुरुष के अनुसार रखना चाहिए।
उदाहरण :-
कर्तृवाच्य | कर्मवाच्य |
कलाकार मूर्ति गढ़ता है। | कलाकार द्वारा मूर्ति गढ़ी जाती है। |
वह पत्र लिखता है। | उसके द्वारा पत्र लिखा जाता है। |
प्रशान्त ने पुस्तक गढ़ी। | प्रशान्त द्वारा पुस्तक पढ़ी गई। |
दादी कहानी सुनाएगी। | दादी द्वारा कहानी सुनाई जाएगी। |
मैं व्यायाम करता हूँ। | मेरे द्वारा व्यायाम किया जाता है। |
मोहन नाटक देखेगा। | मोहन के द्वारा नाटक देखा जाएगा। |
शालिनी ने एक ऐतिहासिक फिल्म देखी | | शालिनी के द्वारा एक ऐतिहासिक फिल्म देखी गई। |
राकेश निबन्ध लिखता है। | राकेश के द्वारा निबन्ध लिखा जाता है। |
सानवी पत्र लिखती है। | सानवी के द्वारा पत्र लिखा जाता है। |
बच्चों ने शोर मचाया था। | बच्चों द्वारा शोर मचाया गया था। |
मैं पुस्तक पढूँगा। | मुझसे पुस्तक पढ़ी जाएगी। |
शीला चित्र बनाती है। | शीला के द्वारा चित्र बनाया जाता है। |
विवेक कहानी सुना रहा है। | विवेक के द्वारा कहानी सुनाई जा रही है। |
रमेश नाटक खेलता है। | रमेश के द्वारा नाटक खेला जाता है। |
आप गाना गाइए। | आपके द्वारा गाना गाया जाए। |
राम साइकिल चला रहा है। | राम द्वारा साइकिल चलाई जा रही है। |
मोहिनी फूल तोड़ती है। | मोहिनी द्वारा फूल तोड़ा जाता है। |
राम आम खाता है। | राम द्वारा आम खाया जाता है। |
2. कर्तृवाच्य को भाववाच्य में बदलने के नियम
- कर्तृवाच्य के ऐसे उदाहरण जिनकी क्रिया अकर्मक हो केवल उन्हें ही भाव वाच्य में बदला जा सकता है।
- कर्ता के बाद से/ द्वारा/ के द्वारा जोड़कर उसे गौण बनाना चाहिए।
- क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में लिखना चाहिए।
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
वे गा नहीं सकते। | उनसे गाया नहीं जा सकता। |
आइए चलें। | आओ चला जाए। |
घोड़ा हिनहिनाता है। | घोड़े से हिनहिनाया जाता है। |
मक्खियाँ भिनभिना रही थीं। | मक्खियों से भिनभिनाया जा रहा था। |
बच्चा खिलखिलाकर हँसा। | बच्चे द्वारा खिलखिलाकर हँसा गया। |
राम इस कुर्सी पर बैठेगा। | राम के द्वारा इस कुर्सी पर बैठा जाएगा। |
राम पढ़ता है। | राम पढ़ा जाता है। |
पक्षी उड़ते हैं। | पक्षियों से उड़ा जाता है। |
मैं अब चल नहीं पाता। | मुझे से अब चला नहीं जाता। |
गर्मियों में लोग खूब नहाते हैं। | गर्मियों में खूब नहाया जाता है। |
भिखारी रात भर सो नहीं सका। | भिखारी से रात भर सोया नहीं जा सका। |
बीमार उठ नहीं सकता। | बीमार से उठा नहीं जा सकता। |
रानी हँसी। | रानी के द्वारा हँसा गया। |
वे गा नहीं सकते। | उनसे गाया नहीं जा सकता। |
बच्चे रोज नहाते हैं। | बच्चों से रोज नहाया जाता है। |
3. कर्मवाच्य / भाववाच्य से कर्तृवाच्य में बदलन
कर्तृवाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है जबकि कर्मवाच्य में कर्म की | अत: कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाते समय पुन: कर्ता के अनुसार क्रिया प्रयुक्त कर देंगे |
जैसे :-
कर्मवाच्य / भाववाच्य | कर्तृवाच्य |
बच्चों द्वारा चित्र बनाए गए। | बच्चों ने चित्र बनाए। |
गधे द्वारा बोझा ढोया गया। | गधे ने बोझा ढोया। |
उसके द्वारा पत्र लिखा जाएगा | | वह पत्र लिखेगा | |
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FAQ
उत्तर : वाक्य में प्रयुक्त क्रिया रूप कर्ता, कर्म या भाव किसके अनुसार प्रयुक्त हुआ है, इसका बोध कराने वाले कारको को वाच्य कहते है| जैसे :-
1. लड़की नाटक देख रही है|
2. लड़का दूध पीता है|
उत्तर : वाच्य के तीन प्रकार / भेद होते है|
1. कर्तृवाच्य
2. कर्म वाच्य
3. भाव वाच्य
उत्तर : यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का लिंग / वचन कर्ता के अनुसार हो तो वंहा कर्तृवाच्य होता है|
जैसे :-
1. माली दूब काटता है|
2. रीना चित्र बनाती है|
उत्तर : यदि वाक्य की क्रिया का लिंग / वचन कर्म के अनुसार हो तो वहाँ कर्मवाच्य होता है |
जैसे :-
1. राम ने चाय पी |
2. सीता ने दूध पीया |
उत्तर : यदि वाक्य की क्रिया का लिंग / वचन कर्ता व कर्म दोनों के अनुसार नही होता वहाँ भाव वाच्य होता है|
अर्थात : जिस वाक्य की क्रिया का संबंध कर्ता व कर्म से न होकर भाव से होता है, वहाँ भाव वाच्य होता हैं। अनुमति या आदेश प्राप्त करने की स्थिति में इसी का प्रयोग होता है। भाव वाच्य की क्रिया सदा पुंल्लिंग, एकवचन तथा अन्य पुरुष में ही रहती है। उस पर कर्ता के लिंग, वचन, पुरुष का कोई असर नहीं पड़ता है।
जैसे :-
1. अब यहाँ से चला जाए।
2. राम से चला नही जाता|
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